अपराध

कोठीभार थाने पर नहीं मिला इंसाफ़ तो प्रसूता ने एसपी से लगाई गुहार, एसपी के पहल पर केस दर्ज

 

सामने आई कोठीभार पुलिस की लापरवाही

11 दिन पहले प्रसूता ने दी थी थाने में तहरीर 

महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:  कोठीभार थाना क्षेत्र के सिसवा नगर पालिका के महाराणा प्रताप नगर वार्ड की प्रसूता रंभा देवी ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर नवजात की चोरी का आरोप रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मी पर लगाया है। एसपी के हस्तक्षेप के बाद कोठीभार पुलिस ने घटना के 11 दिन बाद स्वास्थ्य कर्मी व दाई के विरुद्ध बच्चे के अपहरण का केस दर्ज तो कर लिया लेकिन पूरे प्रकरण में कोठीभार पुलिस की लापरवाही सामने आई है। 
पीड़िता रंभा ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा है कि बीते 23 जनवरी को सायं 3 बजे सिसवा नगर में स्थित अवकाश प्राप्त मिडवाइफ के घर पर प्रसव पीड़ा के दौरान मुझे भर्ती कराया गया। उसी दिन शाम 7 बजे बच्चा पैदा हुआ। रंभा के अनुसार वह बेहोश थी, दाई ने घर के लोगो को बाहर बैठा रखा था। दाई ने बताया कि लड़का पैदा हुआ है। दाई और मिडवाइफ बच्चे को कहीं अलग उठा कर ले गये। रंभा के परिजनों से कहा गया कि घर जाओ बच्चा मर गया है। घर वापस आने पर वार्ड के लोगों के हस्तक्षेप के बाद जब मिडवाइफ सुगंधा गुप्ता को बुलाया गया तो उसने बच्चे को लखनऊ भेजे जाने की बात स्वीकार की। इस बीच वह एक बच्चा लेकर पहुंची थी। जो रंभा का बच्चा नहीं था।आरोप है कि मामले को 10 लाख में सौदा कर उसके पति से जबरजस्ती कागज पर साईन करवाया गया है। उसने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त मिडवाइफ कई बच्चों को इधर उधर बेच देती है। रंभा के तहरीर पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 363 के तहत मिडवाइफ व उसकी दाई के विरुद्ध बच्चे के अपहरण का केस दर्ज किया है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी निचलौल सूर्यबली मौर्य ने बताया कि मामले में नामजद भा.द.स.1860 के तहत 363 का मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया है।  पुलिस टीम मौके पर गई थी। वहां ताला बंद मिला है। बच्चे की सकुशल बरामदगी के लिए प्रयास किया जा रहा है।

पुलिस की नाक के नीचे चलता रहा मैनेज करने का खेल, सुलहनामा सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

25 जनवरी को वार्ड में किए गए एक सुलहनामे की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। जिसमें रंभा के पति द्वारा उसकी एक बिटिया को दूसरे को सुपुर्द करने का ज़िक्र है। सुलहनामे में एक पक्ष व गवाहों का हस्ताक्षर तो है लेकिन द्वितीय पक्ष का हस्ताक्षर नहीं है। हालांकि महराजगंज टाइम्स मामले में सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। लेकिन पूरे मामले में 25 जनवरी को मिडवाइफ द्वारा मामले को मैनेज कराए जाने की बात सामने आ रही है। लेकिन इसके बाद भी कोठीभार पुलिस को भनक तक नहीं लगी।

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