बीएसए कार्यालय के कम्प्यूटर ऑपरेटर का चौदह हजार मानदेय, पत्नी के नाम खड़ी कर दी करोड़ों की संपत्ति, शिकायत पर बीएसए ने जांच के लिए गठित किया कमेटी
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय महराजगंज में एमडीएम सेल में संविदा पर तैनात एक कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत हुई है। डीएम के निर्देश पर बीएसए आशीष कुमार सिंह ने आरोपी कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ शिकायत की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। बीएसए का कहना है कि जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सदर क्षेत्र के अमरूतिया निवासी शिकायतकर्ता ने बीएसए कार्यालय के एमडीएम में तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर डीएम से शिकायत किया है। आरोप के मुताबिक कम्प्यूटर आपेटर (एमडीएम) वर्ष 2009 से कार्यरत है। 2009 से 2018 तक इनका मानदेय 10 हजार रुपये था। वर्तमान में मानदेय लगभग 14 हजार रुपये है। इनके द्वारा नियुक्ति के बाद फर्जी तरीके से लाखों की संपत्ति अर्जित की गई है। इनके द्वारा खरीदी गयी सभी भूमि इनकी पत्नी के नाम से है। चिउरहा मऊपाकड़, पिपरदेउरा व चिउरहा मऊपाकड़ में एक निजी इंटर कालेज के पीछे शास्त्री नगर की जमीन जिस पर अलीशान भवन बना है। उपरोक्त भूमि व भवन की कीमत करोड़ो से अधिक है। जबकि एक मानदेय कर्मचारी के लिए इतना कर पाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना से भी फर्जी तरीके से योजना का लाभ लेने का लगा आरोप
शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि इनका पैतृक आवास सरोजनी नगर में दो मंजिला भवन है। इनके पास बोलेरो गाड़ी के साथ साथ घर में एसी लगा है। इसके बावजूद प्रधान मंत्री आवास योजना से फर्जीवाड़े तरीके से पैसा निकाल कर प्रधानमंत्री आवास योजना के नक्शे के विपरीत बिना नक्शा पर आलीशान भवन का निर्माण हुआ है। कम्प्यूटर आपेटर पर आरोप यह भी लगाया गया है कि लगभग 2011 से दिसंबर 2021 तक बिना किसी लिखित आदेश के लेखा कार्यालय में रहते हुए कम्प्यूटर आपेटर के नाम पर शिक्षकों से अनगिनत धन फर्जी तरीके से कमाया गया।
मूल कार्य छोड़ अन्य कार्य करने का भी आरोप
शिकतकर्ता ने बताया है कि तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के द्वारा मूल कार्य छोड़कर अन्य कार्य करने के कारण अनेकों बार इनको नोटिस व सेवा समाप्ति हेतु आदेश निर्गत करने के बाद भी लेखा कार्यालय से इनका मोह भंग नही हुआ। जिसका सबूत दिसंबर 2021 के पहले के सीसीटीवी कमरे में कैद है। दिसंबर 2021 से पहले का इनका मोबाइल का विवरण उक्त के क्रम में निकाला जाना अति आवश्यक है। जिससे सच्चाई सामने आ सके। इस मामले में बीएसए आशीष कुमार सिंह ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ मिली शिकायत की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित किया गया है। जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी।
यह भी पढ़ें : डीबीटी में लापरवाही पर बीएसए ने 20 प्रधानाध्यापकों का रोका वेतन