फरेंदा को प्रदेश का छिहत्तरवां जिला बनाने के प्रकरण में आया नया मोड़,महराजगंज प्रशासन ने रिपोर्ट में जताई आपत्ति
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : फरेंदा को एक नए जनपद के रूप में विकसित करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है जिसमें महराजगंज की फरेंदा और नौतनवा तहसीलों को गोरखपुर जिले की कैंपियरगंज तहसील के साथ मिलाकर नया जनपद 'फरेंदा' बनाया जाएगा। इस संबंध में राजस्व परिषद के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्म लाल वर्मा ने गोरखपुर के मंडलायुक्त, महराजगंज और गोरखपुर जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।
हालांकि, इस प्रस्ताव को लेकर महराजगंज जिला प्रशासन ने आपत्ति दर्ज कराई है। वर्तमान में महराजगंज जिले में चार तहसीलें हैं—महराजगंज सदर, निचलौल, फरेंदा और नौतनवा। अगर फरेंदा और नौतनवा को मिलाकर नया जनपद बना दिया जाता है, तो महराजगंज में केवल दो तहसीलें (महराजगंज सदर और निचलौल) बचेंगी, जो शासन के मानक के अनुरूप नहीं है। शासन का मानक है कि किसी भी जिले में न्यूनतम तीन तहसीलें होनी चाहिए।
महराजगंज जिला प्रशासन ने इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए शासन को अपनी आपत्ति भेजी है। अपर जिलाधिकारी डॉ. पंकज कुमार वर्मा ने कहा कि जिले का मानक तीन तहसीलों का होता है और यदि फरेंदा और नौतनवा को काटकर नया जनपद बनाया जाता है तो महराजगंज का अनुपात बिगड़ जाएगा। इस कारण से महराजगंज प्रशासन ने नए जनपद के गठन पर पुनर्विचार की आवश्यकता जताई है।
नए जनपद के गठन का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को सुगम और प्रभावी बनाना है लेकिन महराजगंज प्रशासन की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव पर अब शासन को अंतिम निर्णय लेना होगा। इस रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि नया जनपद बनेगा या नहीं और अगर बनेगा तो महराजगंज के प्रशासनिक ढांचे पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा!
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