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नसबंदी से पेंशन प्रकरण में बढ़ी स्वास्थ्य विभाग की टेंशन, पीड़ित बोले धोखे में रख हुई नसबंदी,जांच टीम गठित

 

महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:- जनपद में पेंशन का लालच देकर नसबंदी कराने का आरोप सामने आने पर जिला प्रशासन जांच में जुट गया है। आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी अनुनय झा ने पारदर्शी जांच के लिए सीएमओ को निर्देशित किया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर सीएमओ ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वी.वी. सिंह और एमओआईसी लक्ष्मीपुर डॉ. विपिन कुमार शुक्ला की तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। समिति को तीन दिन के भीतर शिकायतकर्ताओं के आरोपों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट मुख्य चिकित्साधिकारी को प्रस्तुत करनी है।
 यह है मामला
 20 जुलाई 2024 को बनकटी स्वास्थ्य केंद्र पर नौतनवां तहसील के कैथवलिया उर्फ बरगदही के मल्लाह टोला के रामभवन, रामबरन, सुरेश और दयाराम द्वारा कथित तौर पर  उनको धोखे में रखकर स्थानीय आशा और उसकी सहायिका द्वारा नसबंदी कराने का आरोप लगाया गया था। उनके द्वारा बताया गया कि उनको धोखे से बेहोश कर उनकी नसबंदी कर दी गई जबकि नसबंदी करने वाले चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार गुप्ता का कहना है कि बेहोश करके नसबंदी का आरोप निराधार है। पुरुष नसबंदी जो कि एनएसवी (नॉन स्कैलपेल वैसेक्टोमी) में न तो मरीज को बेहोश किया जाता है और न ही चीरा लगाया जाता है। एनएसवी के दौरान सिर्फ स्थानीय अंग को निश्चेत किया जाता। उक्त मरीज भी पूरे होश में थे साथ ही एनएसवी से पूर्व मरीजों से पूछा भी गया था कि क्या वे नसबंदी के लिए सहमत हैं? इसपर सभी ने सहमति जताई थी। अब उनके द्वारा धोखे से नसबंदी का आरोप क्यों लगाया जा रहा ,यह मैं नहीं बता सकता।
 मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ दिलीप सिंह ने बताया कि  जांच टीम गठित कर दी गई है। आरोपों की सत्यता का पता जांच के उपरांत ही चलेगा। जांच में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध निश्चित तौर पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। ऐसे में अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि आरोप में कितना सच है और कितना झूठ लेकिन आरोप व सफाई के बीच पेंशन के लिए नसबंदी कराने का मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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