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महराजगंज: आरक्षण की वजह से निचलौल, महराजगंज, नौतनवा के नगर निकाय अध्यक्ष इस बार नहीं लड़ पाएंगे चुनाव


नौतनवा व निचलौल निकाय के अध्यक्ष को अपने परिवार के किसी महिला को चुनाव लड़ाने का विकल्प 
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:- 

नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद के आरक्षण की तस्वीर साफ होते ही कई को निराशा मिली है। वहीं कईयों के चेहरे पर मुस्कान खिल गई है। जिले में कुल 11 नगर निकाय हैं। इसमें से सिसवा में कार्यकाल को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसलिए वहां का आरक्षण घोषित नहीं हुआ है। इस बार चार नगर निकाय परतावल, पनियरा, चौक व बृजमनगंज में पहली बार चुनाव होने जा रहा है। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार तीन नगर निकाय के अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसमें निचलौल, महराजगंज व नौतनवा शामिल है,क्योंकि आरक्षण के चलते सीट बदल गई है। नौतनवा व निचलौल नगर निकाय के अध्यक्ष के पास यह मौका आरक्षण ने जरूर दे दिया है कि वह अपने स्थान पर परिवार की किसी महिला को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं।
निचलौल नगर पंचायत में पिछली बार विश्वनाथ मद्धेशिया थे अध्यक्ष, इस बार महिला सीट
निचलौल नगर पंचायत के पिछले चुनाव में अध्यक्ष का पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था। विश्वनाथ मद्धेशिया चुनाव में उतरे थे। उनको जीत मिली थी। इस बार आरक्षण के चलते विश्वनाथ मद्धेशिया चुनाव से बाहर हो गए हैं, लेकिन महिला सीट आरक्षित होने की वजह से वह अपने परिवार की किसी महिला को चुनावी मैदान में उतार कर अप्रत्यक्ष रूप से कमान संभाल सकते हैं। 
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अनुसूचित वर्ग के लिए सीट आरक्षित, महराजगंज में कृष्ण गोपाल नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
नगर पालिका परिषद महराजगंज में पिछली बार आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था। भाजपा नेता कृष्ण गोपाल जायसवाल चुनाव में उतरे। उनके खिलाफ श्रवण पटेल समेत अन्य प्रत्याशियों ने चुनाव में घेराबंदी जरूर की थी लेकिन प्रभावशाली व्यक्तित्व व रूलिंग पार्टी का कंडीडेट होने से चुनावी समीकरण उनके पक्ष में ही रहा। चुनाव परिणाम आने के बाद उनको एकतरफा जीत मिली थी। लेकिन इस बार के आरक्षण ने कृष्ण गोपाल जायसवाल को चुनावी मैदान से बाहर कर दिया है।
नौतनवा में गुड्डू खान भी रेस से बाहर, पत्नी लायला को लड़ा सकते हैं चुनाव
नगर पालिका नौतनवा में पिछली बार अध्यक्ष पद का आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था। गुड्डू खान चुनाव जीते थे। इस बार वहां अध्यक्ष पद  महिला के लिए आरक्षित हो गया है। आरक्षण ने गुड्डू खान को चुनाव मैदान से बाहर कर दिया है लेकिन आरक्षण से उनको विकल्प भी मिला है। वह अपनी पत्नी लायला खान को चुनाव लड़ा सकते हैं। उनके पास अनुभव भी है। नौतनवा नगर पालिका की वह अध्यक्ष रह चुकी हैं। पिछले डेढ़ दशक से गुड्डू खान व उनकी पत्नी लायला के पास ही नपा अध्यक्ष पद की कुर्सी रही है। 
सोनौली, आनंदनगर व घुघली के अध्यक्ष इस बार भी लड़ सकते हैं चुनाव
सोनौली नगर पंचायत में इस बार दूसरी बार नगर निकाय का मतदान होगा। पिछले चुनाव में नगर पंचायत सोनौली का आरक्षण सामान्य महिला के लिए था। फरेंदी तिवारी, कुनसेरवा, जुगौली समेत आसपास के कई गांव को मिलाकर सोनौली नगर पंचायत बना था। कुल चौदह वार्ड बनाए गए थे। सुधीर त्रिपाठी फरेंदी तिवारी से ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए थे। परिसीमन के बाद फरेंदी तिवारी नगर पंचायत सोनौली में आ गया। अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित होने पर सुधीर त्रिपाठी की पत्नी चुनाव में उतरीं और उन्हें जीत भी मिली। इस बार वहां की सीट अनारक्षित है। ऐसे में मौजूदा कार्यकाल के नगर निकाय अध्यक्षों में कामना त्रिपाठी भी शामिल हैं जिन्हें इस बार भी आरक्षण ने चुनाव मैदान में उतरने का मौका दे दिया है। नगर पंचायत आनंदनगर फरेंदा में पिछली बार अध्यक्ष पद की सीट सामान्य थी। राजेश जासवाल को चुनाव में जीत मिली थी। इस बार वहां अध्यक्ष पद की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। राजेश जायसवाल भी पिछड़ा वर्ग से आते हैं। ऐसे में इस बार उनको दोबारा चुनाव लड़ने का विकल्प मिल गया है। आरक्षण की घोषणा के बाद उनके समर्थकों में उत्साह का माहौल है। घुघली नगर पंचायत में पिछले चुनाव में आरक्षण महिला वर्ग के लिए था। मल्लू की पत्नी उर्मिला को चुनाव में जीत मिली थी। इस बार भी घुघली नगर निकाय की सीट महिला के लिए आरक्षित  है। ऐसे में उर्मिला पत्नी मल्लू को आरक्षण ने दोबारा प्रत्याशी बनने का मौका दे दिया है।

 

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