अपराध

जमीनी रंजिश में डबल मर्डर में अभियुक्त को फांसी की सजा, 2014 में हुई चाचा भतीजी की हत्या से थर्रा उठा था महाराजगंज


महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र में 2014 में जमीनी रंजिश में भाई और भतीजी की हत्या मामले में कोर्ट ने अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाया है। वहीं अभियुक्त पर दो लाख पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। नौ वर्ष पूर्व हुई डबल मर्डर की घटना से पूरा जिला थर्रा उठा था। सजा सुनाने के दौरान अभियुक्त कोर्ट रूम में रोने लगा न्यायिक प्रक्रिया के तहत न्यायाधीश ने सजा सुनाने के बाद अपनी कलम तोड़ दी।
जानकारी के मुताबिक मानिक तालाब गांव के रहने वाले बैजू चौधरी के पिता की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी। पारिवारिक संपत्तियों का बंटवारा भी उसके बचपन में ही हो गया था। बंटवारे के समय छोटे होने के कारण बैजू ने अपने चाचा पर अधिकांश संपत्तियों को हड़पने का आरोप लगाया था। बड़ा होने के बाद इसी बात को लेकर उसमें और उसके चाचा के बीच घर से रंजिश चलती थी। दो अप्रैल 2014 को बैजू चौधरी ने इसी रंजिश काे लेकर अपने चचेरे भाई कबीर चौधरी पर चाकू और तलवार से हमला कर दिया अपने बचाव में कबीर घर से भागा लेकिन चाकू लगने से कुछ दूर जाकर गिर गया उसी दौरान स्कूल से लौट रही भतीजी ज्ञांती ने उसे देख लिया और वहां से स्वयं को बचाने के लिए भागने लगी लेकिन आरोपित ने ज्ञांती पर भी हमला कर दिया। हत्या में चचेरे भाई कबीर पर आरोपित ने 79 वार तो भतीजी ज्ञांती पर 73 वार किए थे। मामले में मृतकों के पिता राजेंद्र चौधरी की तहरीर पर पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था 24 जून 2014 को ही मामले में पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया था। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 10 गवाहों और अन्य दस्तावेजी साक्ष्यों को पेश करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी देवेंद्र पांडेय ने आरोपित के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जिसके क्रम में न्यायालय ने बैजू के इस कृत्य को जघन्य अपराध मानते हुए उसे फांंसी की सजा के साथ ही 2.25 लाख रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है फैसला सुनाए जाने के बाद यह चर्चा का विषय बन गया है।
इस मामले में शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र पांडे ने बताया की जिले के पुरंदरपुर थाना का मामला है वादी मुकदमा राजेन्द्र चौधरी है जिसके तहरीर पर पुरन्दरपुर थाने में 302 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था इस घटना में विवेचक ने 14 गवाह बनाए थे हमने दश गवाह प्रस्तुत कराए जिसमे न्यायालय ने सारे साक्ष्यों के अवलोकन करने के बाद अभियुक्त को फाँसी की सजा सुनाई है ये अभियुक्त जो बैजू उर्फ बैजनाथ है वह एक शातिर किस्म का अपराधी है उसने घटना के समय अपने चचेरे भाई को 79 और भतीजी को 73 बार चाकुओं से गोद-गोद कर किया था घटना से पहले वो प्री प्लांट किया था रबर बांध कर वह वेपन्स अपने पास रखा था कि अगर एक मिस हो जाये तो दूसरे से मर्डर कर सकूं।

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