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टीईटी अनिवार्यता खत्म करने की मांग पर शिक्षकों का हल्ला बोल, डीएम को सौंपा ज्ञापन

प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, हजारों शिक्षक रहे शामिल

महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:- उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर मंगलवार को जिलेभर के हजारों शिक्षक एकजुट होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। संगठन ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपते हुए जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता से मुक्त करने की मांग की। इस दौरान जिलाध्यक्ष केशव मणि त्रिपाठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बैजनाथ सिंह और जिलामंत्री सत्येंद्र कुमार मिश्र के नेतृत्व में शिक्षकों ने जोरदार आवाज उठाई। जिलाध्यक्ष त्रिपाठी ने बताया कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 23 के अनुसार 25 अगस्त 2010 के बाद ही टीईटी की अनिवार्यता लागू की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे 11 जुलाई 2011 से लागू किया। ऐसे में 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अर्हता प्राप्त करना आवश्यक नहीं है। लेकिन हाल ही में 1 सितंबर 2025 को माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय से शिक्षकों में भ्रम और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे वे चिंतित और आक्रोशित हैं। ज्ञापन में कहा गया कि भारत सरकार के अधीन 25 अगस्त 2010 से पूर्व तथा प्रदेश सरकार के अधीन 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षक बिना टीईटी उत्तीर्ण किए सेवा में बने रहने और पदोन्नति पाने के हकदार हैं। संगठन ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर शिक्षकों की दुविधा समाप्त करें और उन्हें टीईटी परीक्षा से मुक्त किया जाए। इस अवसर पर जिला कोषाध्यक्ष मनौव्वर अली, संयुक्त मंत्री अखिलेश पाठक, ब्लॉक अध्यक्ष राघवेंद्र पांडेय समेत जिलेभर से आए शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी दी। भारी संख्या में उपस्थित शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे बाध्य होकर आंदोलन करेंगे।

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