
महराजगंज के लाल जफीर अहमद बने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज, जिले में जश्न का माहौल
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के लिए यह गर्व का क्षण है। जिले के निवासी जफीर अहमद को इलाहाबाद हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी होगी। इस खबर से जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है। आम नागरिकों से लेकर जनप्रतिनिधियों और विधायकों तक ने उन्हें बधाइयाँ दी हैं। यह उपलब्धि महराजगंज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है। जफीर अहमद के साथ-साथ प्रमोद कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) और संतोष राय को भी हाई कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। ये नियुक्तियाँ हाई कोर्ट में रिक्त पदों को भरने और न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से की गई हैं। वर्तमान में जफीर अहमद गोंडा जिले में जिला जज (जनपद न्यायाधीश) के रूप में कार्यरत हैं। उनकी यह नियुक्ति न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे महराजगंज जिले के लिए गौरव का विषय है।
शिक्षा और प्रारंभिक करियर
जज जफीर अहमद ने हाईस्कूल की पढ़ाई महराजगंज इंटर कॉलेज से, इंटरमीडिएट की पढ़ाई गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक इंटर कॉलेज, महराजगंज से की। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज, महराजगंज से और विधि (LL.B.) की पढ़ाई संत विनोबा पीजी कॉलेज, देवरिया से पूरी की। पढ़ाई के बाद वर्ष 1996-97 से 2008 तक उन्होंने दीवानी न्यायालय महराजगंज में वकालत की। वर्ष 2008 में वह अपर जिला जज (एचजेएस) के रूप में न्यायिक सेवा में नियुक्त हुए।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
जफीर अहमद तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनके मंझले भाई मध्य प्रदेश में बैंक मैनेजर हैं, जबकि छोटे भाई ठेकेदार और समाजसेवी हैं। उनके माता-पिता का देहांत हो चुका है। जफीर अहमद के दो बच्चे हैं—एक बेटा और एक बेटी। बेटा लॉ (कानून) की पढ़ाई कर रहा है और बेटी स्नातक की पढ़ाई में है।
करियर की उपलब्धियाँ
30 जनवरी 1970 को जन्मे जफीर अहमद ने 15 दिसंबर 2008 को न्यायिक सेवा में कदम रखा था। अपने 17 वर्षों के सेवाकाल में उन्होंने आज़मगढ़, लखीमपुर खीरी, इटावा, प्रतापगढ़, लखनऊ, बदायूं, झांसी, अमरोहा और गोंडा जैसे कई जिलों में न्यायिक जिम्मेदारियाँ निभाईं। आज़मगढ़ में स्पेशल जज (ईसी एक्ट) से लेकर लखनऊ के वाणिज्यिक न्यायालय तक, उनकी कार्यकुशलता सराहनीय रही। वे 31 जनवरी 2030 को सेवानिवृत्त होंगे। जफीर अहमद की यह सफलता युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
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