मुआवज़े की आड़ में 42 लाख की ठगी का बड़ा खेल! तीन बेनकाब, जिलाधिकारी की टेबल पर पहुंची रिपोर्ट
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : रेलवे की घुघली–आनंदनगर नई रेल लाइन के भूमि अधिग्रहण के बीच 42 लाख रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला अब प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा रहा है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद पूरा प्रकरण और विस्फोटक हो गया है। एडीएम न्यायिक नवनीत गोयल की जांच में यह पुष्ट हुआ है कि हलका लेखपाल, एसएलओ कार्यालय के बाबू और एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर पीड़ित से भारी रकम ऐंठने की संगठित साजिश रची थी। पकड़ी नौनिया निवासी मोहम्मद उमर खान के मुताबिक, अधिक मुआवजा दिलाने के नाम पर उनसे तीन चेकों के जरिए 42 लाख रुपये वसूले गए। पैसा शहर के एक चिकित्सक के क्लिनिक पर लेखपाल और भूमि अधिग्रहण कार्यालय के बाबू को सौंपा गया, जिसे बाद में प्रेमचंद नामक व्यक्ति के खाते में जमा कर तुरंत निकाल लिया गया। जब रकम वापस करने की बात उठी तो आरोपितों ने उल्टे धमकाना शुरू कर दिया। पीड़ित द्वारा सौंपे गए बैंक स्टेटमेंट और लेनदेन विवरण ने अधिकारियों के पूरे खेल का भंडाफोड़ कर दिया।जांच में तीनों आरोपितों को दोषी पाते हुए एडीएम न्यायिक ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति की है। रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचते ही प्रशासन में हलचल तेज हो गई है। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “रिपोर्ट प्राप्त हो गई है, अब दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई तय है। किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा।” डीएम की यह टिप्पणी साफ संकेत देती है कि मामला अब बड़े स्तर पर कार्रवाई की ओर बढ़ चुका है और जल्द ही पुलिसिया कार्रवाई व निलंबन जैसी कड़ी कार्यवाही देखने को मिल सकती है। इस ठगी ने न सिर्फ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सरकारी पदों पर बैठे लोगों की भूमिकाओं पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने प्रशासन से अपनी पूरी रकम वापस कराने और आरोपितों पर कड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की है। अब सभी की नजरें डीएम कार्यालय की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
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