Maharajganj

पूर्वांचल का भरोसा, संगठन की पसंद: पार्षद से प्रदेश अध्यक्ष की दहलीज़ तक पंकज चौधरी

 

महराजगंज टाइम्स ब्यूरो :भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच महराजगंज के वरिष्ठ सांसद पंकज चौधरी का नाम सबसे मजबूत दावेदारों में शुमार किया जा रहा है। जमीनी राजनीति से लेकर संसद और केंद्र सरकार तक का लंबा अनुभव, साथ ही पूर्वांचल की सामाजिक संरचना में उनकी गहरी पकड़, उन्हें इस पद के लिए खास बनाती है। 15 नवंबर 1964 को जन्मे पंकज चौधरी, गोरखपुर के जाने-माने उद्योगपति स्वर्गीय भगवती चौधरी एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष उज्ज्वल चौधरी के छोटे पुत्र हैं। उन्होंने वर्ष 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। महज एक साल बाद 1990 में वे भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्य समिति के सदस्य बने, जिससे संगठन में उनकी सक्रिय भूमिका शुरू हुई। वर्ष 1991 में पंकज चौधरी पहली बार 10वीं लोकसभा में महराजगंज संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए। इसके बाद 1996 और 1998 में भी उन्होंने जीत दर्ज कर 11वीं और 12वीं लोकसभा में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। 1999 में उन्हें समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा, जबकि 2004 में उन्होंने एक बार फिर वापसी की। वर्ष 2009 में कांग्रेस के स्वर्गीय हर्षवर्धन से पराजय मिली, लेकिन 2014 से अब तक वे लगातार लोकसभा के सदस्य बने हुए हैं। इस तरह वे सात बार सांसद रह चुके हैं। पंकज चौधरी कुर्मी बिरादरी से आते हैं, जो ओबीसी वर्ग में यादवों के बाद सबसे बड़ी आबादी मानी जाती है। पूर्वांचल में कुर्मी समाज में उनकी मजबूत पकड़ है। हाल के लोकसभा चुनावों में कुर्मी वोटों के छिटकने से भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा था। ऐसे में पार्टी नेतृत्व सपा की बढ़त को रोकने के लिए कुर्मी-ठाकुर-ब्राह्मण के पारंपरिक समीकरण को फिर से मजबूत करना चाहता है। सूत्रों के अनुसार, यही वजह है कि संगठनात्मक अनुभव, सामाजिक संतुलन और पूर्वांचल में प्रभाव के चलते पंकज चौधरी का दावा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए बेहद मजबूत माना जा रहा है।

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